Monday, September 15, 2008

आयुर्वेद चिकित्सा by Madan Raheja

आयुर्वेद चिकित्‍सा

आयुर्वेद चिकित्‍सा आयु में वृद्धि तथा शरीर को निरोग रखने की विद्या/विज्ञान को आयुर्वेद कहते हैं। वेद अथात् ज्ञान/विज्ञान। आयुर्वेद में तीन प्रकार के रोग माने जाते हैं अर्थात् शरीर में मुख्‍यतः तीन कारणों से रोग होने की सम्‍भावनाएँ होती हैं। ये हैं - वात, पित और कफ। वात प्रदत्त रोग - वात का अर्थ है – वायु। शरीर में वायु की मात्रा घटने/बढ़ने के कारण सर में दर्द, पेट में दर्द, जोड़ों में दर्द, पीठ में अकड़न/दर्द, तथा पैरों में जलन होती है और कब्‍ज़ भी हाती है। (हलदी, मेथी, सौंठ और सींधा नमक जल के साथ लेने से तुरन्‍त लाभ होता है। केला, मौसमी इत्‍यादि ठंडे पदार्थों से परहेज़ करें। नियमित योगासन करने से वात पदत्त-रोग धीरे-धीरे समाप्‍त हो जाते हैं। अधिक जानकारी के लिये जानकार आयुर्वैदिक वैद्य से सम्‍पर्क करें।) पित प्रदत्त रोग - पित अर्थात् अग्‍िन। इसके कारण कम भूख लगना, पेट में जलन, हृदय रोग, पैरों में जलन, चिड़चिड़ापन, नींद न आना, बालों का उड़ना, acidity, ulcer, constipation etc. शरीर सूखने लगता है। शरीर में Toxins की मात्रा अधिक हो जाती है। डॉ॰ की सलाह से उपचार करें। (मूली और केला, धनिया और पोदीना का सेवन लाभकारी है।) कफ प्रदत्त रोग – आयुर्वेद में कफ कहते हैं जल को। शरीर में जल की मात्रा अधिक अथवा कम होने से अनेक प्रकार के रोग होते हैं जैसे – सर्दी, ज़ुकाम, नज़ला, खाँसी, निमोनिया, ब्रोन्‍काईटिस इत्‍यादि जिसके कारण शरीर में सूजन आती है, कार्य करने में अरुचि, खाने पीने का मन नहीं होता, सुस्‍ती छाई रहती है, अधिक नींद का आना इत्‍यादि कफ प्रदत्त रोग के लक्षण हैं। 'नीम हक़ीम ख़तरे जान' अत: किसी भी प्रकार के रोग में स्‍वयं से कोई भी दवाई न लें अपितु योग्‍य डॉ॰ से मिलें और उसकी सलाह से ही उपचार करें। योगासन लाभकारी है परन्‍तु वह भी गुरु की देख-रेख में ही करें। जितना हो सके हरी सब्‍िज़याँ खूब खाएँ, जिस मौसम में जो फल उपलब्द्ध हों अवश्‍य खाएँ, खाने से पहले सलाद अवश्‍य खाएँ। जो सब्‍िज़याँ कच्‍ची खा सकते हैं खानी चाहियें। नमक और शक्‍कर का सेवन जितना हो सके कम से कम करें – ये दोनों विष हैं जिसका सेवन न करें तो शरीर को निरोग और स्‍वस्‍थ रखा जर सकता है। पेय में चाय, कॉफ़ी, Pepsi, Coke इत्‍यादि का सेवन न करें तो बहुत अच्‍छा है। छाछ (शक्‍कर और नमक रहित) बहुत लाभकारी पेय है।

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